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लेखनी कहानी -27-Nov-2022 ख्वाब

#ख्वाब 


बड़ी गजब की चीज है ख्वाब । सतरंगी इंद्रधनुष की तरह मन को आनंदित कर जाते हैं । जब आते हैं तो अपने रंग में रंग जाते हैं । कभी हंसते हैं तो कभी रुला जाते हैं । कभी कभी हास्य कवियों की तरह मन को गुदगुदाते हैं । 

ख्वाब भी बड़े बेशर्म होते हैं । बिन बुलाये मेहमान की तरह अचानक आ धमकते हैं । ये भी नहीं देखते हैं कि हम किस हालत में हैं । किसी कमसिन हसीना की तरह सीधे दिल में घुसते चले जाते हैं । ये किसी किरायेदार की तरह होते हैं जो एक बार घुसे तो पूरे मकान पर ही कब्जा जमा लेते हैं और कोर्ट कचहरी के आदेश के बाद भी मकान खाली नहीं करते हैं । 

ख्वाब भी उम्र के अनुसार आते हैं । जब हम कॉलेज में पढते थे तब मेनका, उर्वशी, रंभा के ख्वाब आया करते थे । वे ख्वाब हमें हसीनाओं की दुनिया में ले जाया करते थे । सौन्दर्य का मेला लगा करता था । परियां हमें अपनी बांहों के झूलों में झुलाया करती थीं । हुस्न की गंगा बहती थी और अप्सराओं के बदन की महक से बहारें सुगंधित होकर यौवनोत्सव मनाती थीं । हम तो चाहते थे कि ये ख्वाब ऐसे ही चलता रहे । मगर जिस तरह राजनीतिक दल अंतरात्मा की आवाज पर टूट जाया करते हैं उसी तरह ये हसीन ख्वाब भी हसीनाओं के दर्प की तरह टूट जाते हैं और हम जन्नत से हकीकत के कठोर धरातल पर धड़ाम से गिर पड़ते हैं । 

शादी के बाद तो विचित्र विचित्र ख्वाब आने लगे । कभी हम भिखमंगों के वेश में नजर आये तो कभी सेठ साहूकारों के आगे गिड़गिड़ाते नजर आये । हर वक्त हम बाजार में ही नजर आने लगे । कभी साड़ी की दुकान पर तो कभी सुनार के शो रूम । किराना की दुकान तो जैसे अपने रहने का ठिकाना ही बन गई थी । सारे यार दोस्त भी वहीं मिलने लगे और एक दूसरे का हाल देखकर तसल्ली महसूस करने लगे कि दुखी हम ही नहीं हैं, और भी हैं । थोड़े दिनों बाद तो ख्वाबों में चुडैल आना शुरू हो गईं । डर से हमारी घिग्घी बंध गई । पता नहीं था कि शादी का लड्डू ऐसा भी होता है । इसे खाने से सुख चैन सब कुछ खोता है । पर जब पैर कुल्हाड़ी पर मार ही दिया तो अब पछताने से फायदा क्या ? 

जब बच्चे बड़े हुए तो अलग किस्म के ख्वाब आने लगे । एक दिन ख्वाब में देखा कि बेटी किसी विधर्मी के साथ घर से भाग गई है और उसके साथ "लिव इन" में रहने लग गई है । जब उसने अपने प्रेमी से शादी के लिए कहा तो उसने अपने प्रेम का इजहार करते हुए उसके 35 टुकड़े कर अपने फ्रिज में रख दिया है और इस तरह उसका प्रेमी रोज फ्रिज में अपने इश्क का कलमा पढ़ रहा है । 

एक दिन ख्वाब में देखा कि बेटा किसी लड़की को भगा लाया है । जब हमने उसे अपने घर में घुसने से मना किया तो उसने हमें ही धक्का मारकर अपने घर से निकाल दिया है । हम दर दर की ठोकर खा रहे हैं और अपनी तकदीर पर आग बबूला हो रहे हैं । 

किसी वृद्धाश्रम में पड़े पड़े हमने फिर एक दिन ख्वाब देख लिया । ख्वाब में भगवान नजर आ गये । हमने विनती करते हुए कहा "प्रभु, आप तो बैकुण्ठ धाम में मौज कर रहे हो और हमें वृद्धाश्रम रूपी नर्क में झोंक रखा है । बहुत नाइंसाफी है । हम ज्यादा कुछ नहीं मांग रहे बस इतना सा मांग रहे हैं कि हमें सिर्फ एक दिन जन्नत की सैर करा दो" । 

भगवान ने तथास्तु कहा और हमने अपने आपको तिहाड़ जेल में पाया । हमने भगवान से शिकायत की कि प्रभु आप भी नेता बन गये हो क्या ? वादा कुछ करते हो, करते कुछ और हो । तो भगवन बोले "बच्चा , आजकल तिहाड़ जेल जन्नत से भी बढकर हो गई है । यहां किसम किसम की मसाज यानि कि "फिजियो द रेपिस्ट" होने लगी हैं । नाबालिग बच्चियों के रेपिस्टों से चंपी करवाई जाती है । 56 भोग से भी बढकर लंच डिनर मिलता है यहां पर । गंगाजल से भी श्रेष्ठ "बिसलेरी" का पानी मिलता है" 
हमने कहा "प्रभु, वो सब तो ठीक है पर कुछ गला तर करने और "मनोरंजन" का भी कोई जुगाड़ है क्या यहां" ? 
प्रभु बोले "सब है । एक से बढकर एक ब्रांड वाली मिलेगी यहां पर । अरे, इसीलिए तो "नई शराब नीति बनवाई थी मगर ... । खैर कोई बात नहीं । गला हमेशा तर रहेगा तुम्हारा । रही बात मनोरंजन की तो इसके लिए हमने मेनका , उर्वशी से भी सुंदर सुंदर लड़कियां रखी हुई हैं । मेनका वगैरह तो अब बूढी हो गई हैं ना इसलिए । किसी प्रकार की कमी नजर नहीं आयेगी तुम्हें" 
"पर प्रभु, ऐसा कोई वीडियो तो देखा नहीं है अब तक ? कोई हो तो दिखा दो ना" 
"पागल हो क्या ? इन गतिविधियों का कोई वीडियो बनता है क्या ? अगर ऐसा वीडियो देखना हो तो राज कुंद्रा की कोई मूवी या वीडियो देख लेना । वहां शर्लिन जैसी सुंदरी दिखाई दे जायेगी" 

तिहाड़ जेल में अपनी तो मौज हो गई । काश यहां पर हम पहले ही आ जाते ? हमारी देखादेखी और भी बहुत सारे लेखक अब तिहाड़ जेल आ रहे हैं । 

अचानक आंख खुल गई और देखा कि श्रीमती जी चाय का प्याला हाथ में लेकर हमारे सामने खड़ी हैं और एक मीठी मुस्कान से सुबह को और हसीन बना रही हैं । ये हकीकत सब ख्वाबों से बढकर लगी हमें । 

श्री हरि 
27.11 22 


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5 Comments

Gunjan Kamal

06-Dec-2022 02:58 PM

👏👌🙏🏻

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Hari Shanker Goyal "Hari"

06-Dec-2022 04:12 PM

💐💐🙏🙏

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शानदार

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Hari Shanker Goyal "Hari"

06-Dec-2022 04:12 PM

धन्यवाद जी

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